अन्ना की ओर से जनलोकपाल बिल पर बहस के लिए सभी राजनेतिक पार्टियों को न्योता दिए जाने का देश स्वागत करता है लेकिन कांग्रेस ने बहस से किनारा कर पलायन कर लिया जो पलायन के समान है। देश के इस ज्वलंत मुद्ये पर कांग्रेस अपना पक्ष रख सकती थी लेकिन इस पार्टी ने बहस में भाग नहीं लेकर भारतवासियों को निराश किया है। कांग्रेस को कम से कम लोकपाल का किस तरह का मसौदा ब्रीफ किया है की जानकारी तो देश को देनी ही चाहिए थी। कांग्रेस के नेता कम से कम इतना तो जनते ही है की किसी भी विवाद का समाधान संवाद के बिना नहीं हो सकता। अन्ना की ओर से जनलोकपाल अन्ना के लिए नहीं देश के खातिर है। कांग्रेस के नेताओं को इस पर आत्म मंथन करना चाहिए।
नरेन्द्र शर्मा
नरेन्द्र शर्मा