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सुस्‍वागतम

गुरुवार, 7 जून 2012

स्वामी बाबा रामदेव का स्वागत 
योग गुरु स्वामी बाबा रामदेव ने कहा है की विदेशों में अवैध रूप से जमा देश के धन को वापस लाने और भ्रष्टतंत्र में फंसे भारत के लोकतंत्र को बचना हमारी पहली प्राथमिकता है | भारत स्वाभिमान यात्रा के तीसरे चरण के तहत रविवार को राजस्थान में प्रवेश करने के बाद जिला मुख्यालय चूरू के आदर्श विद्या मंदिर में आयोजित जनसभा में बाबा रामदेव ने कहा की देश में ११ हजार किलोमीटर यात्रा में वे ११ करोड़ लोगों से रूबरू हो चुके है | जिससे लगता है की अब भारतवासी जाग चुके है| आंधी व वर्षा भी लोगों को बाबा के कार्यक्रम में लोगों को आने से नही रोक पाई और सभा स्थल पर उमड़े जन समूह ने स्वामीजी को तन्मय होकर सुना |
इस अवसर पर पूर्व सांसद राज्यसभा डा. महेश चन्द्र शर्मा, विधायक राजकुमार रिणवा व पतंजली योग समिति के सदस्यों ने स्वामी बाबा रामदेव का स्वागत किया

कब कम होगी मंहगाई|

कब कम होगी मंहगाई
कैसे करू बिटिया की सगाई
बात चली जब एक जगह
वो करने लगे अपनी बड़ाई |
छोरे के अनेक है चाचा मामा
दादा नाना और है ताऊ ताई
सबको देनी होगी मिलाई
कैसे करू बिटिया की सगाई |
वैसे तो हमे दहेज में विश्वास नहीं
जो भी हमे देगे आप वह भी कोई खास नहीं
लेकिन यदि नहीं लेगे हम
तो आपकी होगी जग हंसाई |
आप ही लो देख की मेरे बेटे ने
इंजीनियर की करी पढ़ाई
दे सकते है क्या आप उसे
यही सोच कर करे सगाई |
क्या मै सोचु यह
कैसे होगी बेटी की सगाई
न जाने
कब कम होगी मंहगाई|

शब्दों का बाजारीकरण

शब्दों का बाजारीकरण
अर्थ युग में विकास के साथ साथ जहां उन्नति का एक मार्केट बन गया वही शब्दों का भी बाजारीकरण हो गया, क्या आज आपको नहीं लगता की शब्दों का बाजार बड़ा हो गया तभी तो विभिन्न भाषाओँ के शब्दों का परस्पर इस तरह मिलन हो गया की इसे आम ने शायद मान्यता भी देदी| हालाँकि शब्दों का बाजार बड़ा है और हर कालखंड में इसकी व्याख्या और वैभव भी बढ़ा है जो कोई गलत भी नही है लेकिन मूल शब्दों की तोड़मरोड़ के बाजार ने शब्दों का नव उत्पाद कर ग्राहकों को आकर्षित करने की मानसिकता आने वाले कल के लिए घातक हो सकती है | जैसे इण्डिया .... आज हमारे स्वदेशी विदेशों में भारत को इण्डिया बना दिया है वह भी केवल व्यापार के चलते ...... ?

'इसे लाइक करे '

'इसे लाइक करे '
भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण के लिए हमे सर्वप्रथम रिश्वत और भ्रष्ट आचरण में लिप्त व्यक्ति का सामाजिक बहिष्कार करने की पहल करनी होगी | सरकारी , गैर सरकारी , सामाजिक या फिर भले ही कितना भी बड़ा राजनेता क्यों न हो यदि वे भ्रष्टाचार में लिप्त है तो हमे उनसे रोटी-बेटी के व्यवहार की दृष्टि से भी बहिष्कार करना होगा | तभी हम भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण कर सकेगें|

शुक्र पारगमन

शुक्र पारगमन : शुक्र ने सूर्य की सुंदरता लगाये चार चाँद
आसमान में बुधवार को प्रातकालीन बेला में एक दुर्लभ घटना घटी। जिसमे शुक्र ने सूर्य की सुंदरता चार चाँद लगाये | जी हा शुक्र पारगमन के अद्भुत नजारे ने आसमान की रंगत बदल दी | ज्योतिष में वैभव और सौंदर्य का प्रतीक सितारा शुक्र मंगल और बुद्ध की दरमियानी रात सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरा। सूर्य, पृथ्वी और शुक्र तीनों ग्रह कुछ घंटों के लिए एक कतार में आ गए हैं। इससे सूर्य पर एक छोटा काला धब्बा बना है। शुक्र, सूर्य और पृथ्वी की आपसी अठखेलियों ने धरती और आभामंडल में ने रंग भरे| आइये हम भी हमरे गृहों से कुछ सीखे |

शनिवार, 28 अप्रैल 2012

अपनी भारत की संस्कृति को पहचाने

अपनी भारत की संस्कृति को पहचाने ---
दो पक्ष - कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष !
तीन ऋण - देव ऋण, पित्र ऋण एवं ऋषि त्रण !
चार युग - सतयुग , त्रेता युग , द्वापरयुग एवं कलयुग !
चार धाम - द्वारिका , बद्रीनाथ, जगन्नाथ पूरी एवं रामेश्वरम धाम !
चारपीठ - शारदा पीठ ( द्वारिका ), ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम), गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) एवं श्रन्गेरिपीठ !
चर वेद- ऋग्वेद , अथर्वेद, यजुर्वेद एवं सामवेद !
चार आश्रम - ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , बानप्रस्थ एवं संन्यास !
चार अंतःकरण - मन , बुद्धि , चित्त , एवं अहंकार !
पञ्च गव्य - गाय का घी , दूध , दही , गोमूत्र एवं गोबर , !
पञ्च देव - गणेश , विष्णु , शिव , देवी और सूर्य !
पंच तत्त्व - प्रथ्वी , जल , अग्नि , वायु एवंआकाश !
छह दर्शन - वैशेषिक , न्याय , सांख्य, योग , पूर्व मिसांसा एवं दक्षिण मिसांसा !
सप्त ऋषि - विश्वामित्र , जमदाग्नि , भरद्वाज , गौतम , अत्री , वशिष्ठ और कश्यप !
सप्त पूरी - अयोध्या पूरी , मथुरा पूरी , माया पूरी ( हरिद्वार ) , कशी , कांची ( शिन कांची - विष्णु कांची ) , अवंतिका और द्वारिका पूरी !
आठ योग - यम , नियम, आसन , प्राणायाम , प्रत्याहार , धारणा , ध्यान एवं समाधी !
आठ लक्ष्मी - आग्घ , विद्या , सौभाग्य , अमृत, काम , सत्य , भोग , एवं योग लक्ष्मी !
नव दुर्गा - शैल पुत्री , ब्रह्मचारिणी , चंद्रघंटा , कुष्मांडा , स्कंदमाता , कात्यायिनी , कालरात्रि , महागौरी एवं सिद्धिदात्री !
दस दिशाएं - पूर्व , पश्चिम , उत्तर , दक्षिण, इशान , नेत्रत्य , वायव्य आग्नेय ,आकाश एवं पाताल !
मुख्या ग्यारह अवतार - मत्स्य , कच्छप , बराह , नरसिंह , बामन , परशुराम , श्री राम , कृष्ण , बलराम , बुद्ध , एवं कल्कि !
बारह मास - चेत्र , वैशाख , ज्येष्ठ ,अषाड़ , श्रावन , भाद्रपद , अश्विन , कार्तिक , मार्गशीर्ष . पौष , माघ , फागुन !
बारह राशी - मेष , ब्रषभ , मिथुन , कर्क , सिंह, तुला , ब्रश्चिक , धनु , मकर , कुम्भ , एवं कन्या !
बारह ज्योतिर्लिंग - सोमनाथ , मल्लिकर्जुना , महाकाल , ओमकालेश्वर , बैजनाथ , रामेश्वरम , विश्वनाथ , त्रियम्वाकेश्वर , केदारनाथ , घुष्नेश्वर , भीमाशंकर एवं नागेश्वर !
पंद्रह तिथियाँ - प्रतिपदा , द्वतीय , तृतीय , चतुर्थी , पंचमी , षष्ठी , सप्तमी , अष्टमी , नवमी , दशमी , एकादशी , द्वादशी , त्रयोदशी , चतुर्दशी , पूर्णिमा , अमावश्या !
स्म्रतियां - मनु , विष्णु, अत्री , हारीत , याज्ञवल्क्य , उशना , अंगीरा , यम , आपस्तम्ब , सर्वत , कात्यायन , ब्रहस्पति , पराशर , व्यास , शांख्य , लिखित , दक्ष , शातातप , वशिष्ठ !

मोबाइल

घनश्याम नाथ कच्छावा की नव कृति जीवन रा चितराम की एक बानगी मोबाइल
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जीवण
जियां-
मोबाइल रो सैट
अर
सिम इणरी आतमा
सांसां स्यूं रिचार्ज
हुवे आ काया
मोबाइल सैट-सी
बणी
इण मिनखाजूण स्यूं
मिनखपणे री रिंगटोन
गायब हुयगी
अबै
जीवण रो मोबाइल
खाली सांसां रो
खोळीयों हुय'र
बिना चेतना रै पाण
वायबरेशन रै माथै इज
पड़यो हैं |

रविवार, 8 अप्रैल 2012

राजस्थानी भाषा को मिले मान्यता
यह कैसी विडम्बना है की हमारी अपनी मायड. भाषा को हमारी ही सरकार मान्यता नहीं दे रही हैं | पता नहीं सरकार या हमारी सबसे बड़ी पंचायत में प्रतिनिधित्व कर रहे नेताओं के सामने ऐसी क्या समस्या है की वे राजस्थानी भाषा की मान्यता के मसले पर मुखरित नहीं हो रहे हैं | साधुवाद के पात्र हैं हमारे बीकानेर के सांसद श्री अर्जुन राम जी मेघवाल जिन्होंने राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए संसद में राजस्थान की आवाज बुलंद की | राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलनी चाहिए केवल यही नही बल्कि राजस्थानी भाषा को मान्यता देनी होगी | अब यदि सरकार ने इस और ध्यान नहीं दिया तो उसे राजस्थान की जनता के कोप का सामना करना पड़ेगा |
narendra sharma 

आइना है फेसबुक

आइना है फेसबुक
फेसबुक बनाने वाले वाले व्यक्तित्व ने दुनियां को वह आइना दिखाया है| जिसमें देखने वाला व्यक्ति न केवल अपने मित्रों का चेहरा देख रहा है बल्कि वह उसके कृतित्व को पढ़ रहा है |
फेसबुक के माध्यम से हमे संवाद बनाये रखने का जो माध्यम मिला है तो क्यों न हम संवाद के जरिये एक सेतु का निर्माण करें जिससे आने वाला कल प्रेरणा ले |
हम दुनिया में आए और हमे परमात्मा ने जो कुछ भी दिया है उस प्रसाद को न केवल स्वयं ग्रहण करें बल्कि अपने मित्रों को भी दे|
फेसबुक संवाद का वह सशक्त माध्यम जिससे हम अपनों के बीच बढती दूरियों को कम कर सकते हैं | फेसबुक के माध्यम से आपसी भाईचारे, महापुरुषों के संदेश दें |
बुराईयों को जडमूल से समाप्त करने का प्रयास और अच्छाइयों के साथ विकास की पहल करें| निज पर शासन फिर अनुशासन पर अम्ल करते हम भारत की आन बान शान में चार चाँद लगायें|
यह वर्तमान की आवश्यकता है |

शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012

आज है पूर्णिमा --- हनुमान जयंती
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हनुमान जयंती की शुभकामना
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जय हनुमान ज्ञान गुण सागर , जय कपीस तिहु लोक उजागर
रामदूत अतुलित बल धामा , अंजनिपुत्र पवनसुत नामा
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शनिवार, 24 मार्च 2012

** चूरू के उभरते युवा साहित्यकार

साहित्य संस्कारो वाले चूरू अंचल के लिए यह गर्व की बात है कि नई पीढ़ी भी साहित्य संसार में रच बस रही हैं । साहित्य सृजन कि ओर कदम रखते युवाओं को देख आपकों भी यह संतोष तो होता ही होगा कि आने वाले कल में थली में साहित्य सृजन की नांव इस रेत के समुन्द्र में सरपट चलेगी । मैं चूरू के साधनारत संतों कि प्रेरणा से साहित्य सृजनधर्मी युवा साहित्यकारों को बधाई देता हूँ । आशा रखता हूँ कि आने वाला कल आपकी मुठ्ठी में होगा । युवा साहित्यकारों में तारानगर चूरू में श्री दुलाराम सहारण साहित्य कि पताका फहरा रहे हैं तो सुजानगढ़ में श्री घनश्याम नाथ साहित्य सृजन में निरंतर जुटे हुए हैं कुमार अजय , विश्वनाथ भाटी , किशोर निर्वान , देवकरण जोशी , परमेश्वर प्रजापत , अवकाश सैनी , कमल शर्मा, उम्मेद गोठवाल , उम्मेद धानिया, स्नेहलता शर्मा, इन्द्रासिंह सहित अनेक युवा हैं जो साहित्य सृजन के माध्यम से युवा पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहें हैं ।

श्रीनिवास एक व्यक्तित्व एवं कृतित्व

श्रीनिवास एक व्यक्तित्व एवं कृतित्व

थली अंचल का वह लाडला श्रीनिवास आज हमारे बीच में नहीं है , लेकिन मेरे इस मित्र ने अपने छोटे से जीवन में आने वाली युवा पीढ़ी के लिए एक ऐसी मिशाल कायम क़ि की उससे उसकी तरह कर्म पथ पर चलने वाला किशोर देश व समाज का चितचोर बन सकता है । चूरू जिले की राजगढ़ के छोटे से गांव मिठी रेडूवाली में जन्मे श्रीनिवास आज मेरे साथ नहीं है लेकिन जब से लेकर आज तक एक भी दिन ऐसा नहीं गया क़ि वह मेरे मानस पटल पर नहीं रहा हो । नवयुवक मंडल संस्थान मिठी रेडूवाली के माध्यम से परिवार , देश व समाज की दशा व दिशा को निरंतर एक लय प्रदान करने लिए चिन्तन करने वाला श्रीनिवास शायद ही मेरे मन मंदिर से प्रस्थान करेगा । सामाजिक सरोकार के अग्रदूत निवास कहाँ भी रहा हो उसका वही स्थान कर्म भूमि बन गया । सात मिनट में सवा लाख पौधे लगने की कल्पना ही नहीं बल्कि उसे साकार रूप देना कोई मामूली काम नहीं था लिकिन धुन के पक्के निवास ने वह कर दिखाया जो मुश्किल था , असम्भव को सम्भव करना कोई सीखे तो श्रीनिवास से सीखे , ' श्रीनिवास एक व्यक्तित्व एवं कृतित्व ' पुस्तक लिखने का प्रयास कर रहा हूँ , श्रीनिवास एक व्यक्तित्व एवं कृतित्व ' से सम्बन्धित कोई भी अनछुए पहलू यदि आप के पास है तो आप मेरे पते पर पहुंचा सकते हैं ।

शुक्रवार, 16 मार्च 2012

नेता है की मानने को तैयार नहीं है

 पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में रहे मतदाताओं के मिजाज को लेकर जहाँ मिडिया में समीक्षाओं का क्रम जरी है वहीं राष्ट्रिय दल   कांग्रेस व  भाजपा  के नेता  भी मंथन कर रहे हमारी है लेकिन नेताओं के पास न पानी, दूध है और न ही दही है फिर भी दोनों ही दल हार से सबक लेने को तैयार नहीं है।   कांग्रेस व  भाजपा के नेता एक दुसरे की नीतियों में खामिया खोज रहे है। जबकि समय है ईमानदारी से अपनी कमियों को स्वीकार कर देश व जनता के दर्द को समझने का लेकिन दोनों ही पार्टियों के नेता है की मानने को तैयार नहीं है। क्षेत्रवाद , जातिवाद, परिवारवाद तथा साम्प्रदायिक के नाम को भारत की आत्मा को चोट दर चोट पहुंचाने वाले नेताओं एक बार फिर भारत को खंड खंड करने की मनो कमर कस ली है। भले ही भारत का सामाजिक ताना बना इतना मजबूत है लेकिन इसमें भी नेताओं की स्वार्थ व व्यक्तिवादी राजनीति ने भारतवासियों को दिग्भ्रमित करने को पूरा प्रयास किया है। क्या  यही हमारी  विडम्बना  है।

शनिवार, 25 फ़रवरी 2012

वायुयान की खोज भरद्वाज ऋषि ने की

वायुयान की खोज भरद्वाज ऋषि ने की 
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