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सुस्‍वागतम

शनिवार, 24 मार्च 2012

श्रीनिवास एक व्यक्तित्व एवं कृतित्व

श्रीनिवास एक व्यक्तित्व एवं कृतित्व

थली अंचल का वह लाडला श्रीनिवास आज हमारे बीच में नहीं है , लेकिन मेरे इस मित्र ने अपने छोटे से जीवन में आने वाली युवा पीढ़ी के लिए एक ऐसी मिशाल कायम क़ि की उससे उसकी तरह कर्म पथ पर चलने वाला किशोर देश व समाज का चितचोर बन सकता है । चूरू जिले की राजगढ़ के छोटे से गांव मिठी रेडूवाली में जन्मे श्रीनिवास आज मेरे साथ नहीं है लेकिन जब से लेकर आज तक एक भी दिन ऐसा नहीं गया क़ि वह मेरे मानस पटल पर नहीं रहा हो । नवयुवक मंडल संस्थान मिठी रेडूवाली के माध्यम से परिवार , देश व समाज की दशा व दिशा को निरंतर एक लय प्रदान करने लिए चिन्तन करने वाला श्रीनिवास शायद ही मेरे मन मंदिर से प्रस्थान करेगा । सामाजिक सरोकार के अग्रदूत निवास कहाँ भी रहा हो उसका वही स्थान कर्म भूमि बन गया । सात मिनट में सवा लाख पौधे लगने की कल्पना ही नहीं बल्कि उसे साकार रूप देना कोई मामूली काम नहीं था लिकिन धुन के पक्के निवास ने वह कर दिखाया जो मुश्किल था , असम्भव को सम्भव करना कोई सीखे तो श्रीनिवास से सीखे , ' श्रीनिवास एक व्यक्तित्व एवं कृतित्व ' पुस्तक लिखने का प्रयास कर रहा हूँ , श्रीनिवास एक व्यक्तित्व एवं कृतित्व ' से सम्बन्धित कोई भी अनछुए पहलू यदि आप के पास है तो आप मेरे पते पर पहुंचा सकते हैं ।

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