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शनिवार, 24 मार्च 2012
श्रीनिवास एक व्यक्तित्व एवं कृतित्व
श्रीनिवास एक व्यक्तित्व एवं कृतित्व
थली अंचल का वह लाडला श्रीनिवास आज हमारे बीच में नहीं है , लेकिन मेरे इस मित्र ने अपने छोटे से जीवन में आने वाली युवा पीढ़ी के लिए एक ऐसी मिशाल कायम क़ि की उससे उसकी तरह कर्म पथ पर चलने वाला किशोर देश व समाज का चितचोर बन सकता है । चूरू जिले की राजगढ़ के छोटे से गांव मिठी रेडूवाली में जन्मे श्रीनिवास आज मेरे साथ नहीं है लेकिन जब से लेकर आज तक एक भी दिन ऐसा नहीं गया क़ि वह मेरे मानस पटल पर नहीं रहा हो । नवयुवक मंडल संस्थान मिठी रेडूवाली के माध्यम से परिवार , देश व समाज की दशा व दिशा को निरंतर एक लय प्रदान करने लिए चिन्तन करने वाला श्रीनिवास शायद ही मेरे मन मंदिर से प्रस्थान करेगा । सामाजिक सरोकार के अग्रदूत निवास कहाँ भी रहा हो उसका वही स्थान कर्म भूमि बन गया । सात मिनट में सवा लाख पौधे लगने की कल्पना ही नहीं बल्कि उसे साकार रूप देना कोई मामूली काम नहीं था लिकिन धुन के पक्के निवास ने वह कर दिखाया जो मुश्किल था , असम्भव को सम्भव करना कोई सीखे तो श्रीनिवास से सीखे , ' श्रीनिवास एक व्यक्तित्व एवं कृतित्व ' पुस्तक लिखने का प्रयास कर रहा हूँ , श्रीनिवास एक व्यक्तित्व एवं कृतित्व ' से सम्बन्धित कोई भी अनछुए पहलू यदि आप के पास है तो आप मेरे पते पर पहुंचा सकते हैं ।
शुक्रवार, 16 मार्च 2012
नेता है की मानने को तैयार नहीं है
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में रहे मतदाताओं के मिजाज को लेकर जहाँ मिडिया में समीक्षाओं का क्रम जरी है वहीं राष्ट्रिय दल कांग्रेस व भाजपा के नेता भी मंथन कर रहे हमारी है लेकिन नेताओं के पास न पानी, दूध है और न ही दही है फिर भी दोनों ही दल हार से सबक लेने को तैयार नहीं है। कांग्रेस व भाजपा के नेता एक दुसरे की नीतियों में खामिया खोज रहे है। जबकि समय है ईमानदारी से अपनी कमियों को स्वीकार कर देश व जनता के दर्द को समझने का लेकिन दोनों ही पार्टियों के नेता है की मानने को तैयार नहीं है। क्षेत्रवाद , जातिवाद, परिवारवाद तथा साम्प्रदायिक के नाम को भारत की आत्मा को चोट दर चोट पहुंचाने वाले नेताओं एक बार फिर भारत को खंड खंड करने की मनो कमर कस ली है। भले ही भारत का सामाजिक ताना बना इतना मजबूत है लेकिन इसमें भी नेताओं की स्वार्थ व व्यक्तिवादी राजनीति ने भारतवासियों को दिग्भ्रमित करने को पूरा प्रयास किया है। क्या यही हमारी विडम्बना है।
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